Anokha Vivah - 1 in Hindi Love Stories by Gauri books and stories PDF | अनोखा विवाह - 1

The Author
Featured Books
Categories
Share

अनोखा विवाह - 1

यह कहानी है, सुहानी और अनिकेत की। अनिकेत जो की अभी कॉलेज स्टूडेंट था जो बहुत ज्यादा शरारती और मस्तीखोर था उसकी इन्ही शरारतों के कारण उसके दादा जी उसकी शादी किसी नाबालिक लड़की से तय कर देते है। वहीं दूसरी तरफ 17 साल की सुहानी जिसे अनिकेत के लिए चुना गया था। सुहानी अपना बचपना छोड़ के शादी के लिए अपने माँ पापा के कारण मान जाती है। पर क्या अनिकेत हाँ करेगा इस रिश्ते के लिए? क्या होगा जब सुहानी को झेलना पड़ेगा अनिकेत का गुस्सा और नफरत? और कैसी होगी अनिकेत की जिन्दगी जब शादी के बाद वो बनेगा ठाकुर इन्टरप्राइजेज का सीईओ और कैसे अनिकेत बनाएगा सुहानी को दुनिया की सबसे सक्सेजफुल वुमेन्स में से एक...

कहानी का कुछ अंश

अनिकेत बहू की मांग भरिए ,,,,,,,, अनिकेत अभी बस खड़ा कुछ सोच रहा था कि फिर से अखण्ड प्रताप दुल्हन की मांग भरने को कहते हैं ,,,,,,, अनिकेत आपने सुना नहीं दुल्हन की मांग भरिए और शादी सम्पन्न करिए ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर दादू मैं इस लड़की को अपनी पत्नी कैसे बना सकता हूं ये नाबालिग है और ये मुझसे बहुत छोटी है ,,,,,और इसने तो हम सब के साथ धोखा भी तो किया है ना मैं,,,,,,,,,, अनिकेत अभी कह ही रहा था कि अखण्ड प्रताप फिर से बोलना शुरू करते हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत आप शादी के बाद के फैसले लेने के लिए बाध्य हैं पहले के नहीं इसीलिए अब बहू की मांग में सिंदूर लगाइये और सावित्री बहू,,, विदाई की तैयारी करवाएं,,,,,, हम जल्द से जल्द विदाई करवाना चाहते हैं ,,, प्लीज फॉलो

राजस्थान का एक ऐसा घराना ज़हां का नौकर भी अदब में रहता है, कैसे होंगे वहां के लोग चलिए देखते हैं 

सुबह का समय,

मालिक वो सजावट का सामान आ गया है और घर सजाने के लिए लोग भी,,,,,ठीक है अन्दर भेज दो उन्हें

जी मालिक अभी भेजते हैं...

एक व्यक्ति हवेली के अन्दर आते हुए, नमस्ते सर 

हां आइये,,,,, सर आदेश करें तो मैं अपने सर्वेंट्स को बुला लूं,,,,, हां बुला लीजिए और एक बात का विशेष ध्यान रहे कि हमारे ( अखण्ड प्रताप सिंह उम्र 75 साल )  पोते ( अनिकेत प्रताप सिंह उम्र 22)  का ब्याह है तो घर दुल्हन की तरह सजा होना चाहिए,,,,,,सर आप बेफिक्र रहिए हम आपको शिकायत का मौका नहीं देंगे 

संजय प्रताप सिंह उम्र 50 साल,,,,,सीढ़ियों से नीचे आते हुए, प्रणाम पिता जी,,,,, खुश रहिए ये बताइये हमारे साहबजादे कहां है,,,,,,पिता जी वो,,,,, तब तक पीछे से एक आवाज आती है,,,,,,,,जी दादू गुड मॉर्निंग,,,,,,,, गुड मॉर्निंग, और बताइये आज तो उम्मीद है कि आप अपने कॉलेज नहीं जा रहे होंगे,,,,,,,, नहीं दादू आज तो जाना बहुत जरूरी है मेरे इक्जाम होने वाले हैं और मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता 

 " ठीक है लेकिन जल्दी आजाइयेगा और आज अपने सारे काम खत्म कर लें अब शादी के बाद ही हम आपको कहीं भी जाने देंगे ", अनिकेत कुछ सोचते हुए,,,,," जी दादू हम ख्याल रखेंगे लेकिन दादू आपको याद है ना कि हम आपकी मर्जी से शादी कर तो रहे हैं पर शादी के बाद अपने और अपनी पत्नी के फैसले हम स्वयं करेंगे, अगर इस उम्र में मेरे लिए आपका शादी का फैसला सही हो सकता है तो फिर हमारा हर फैसला आपको मानना ही पड़ेगा ",,,,,, ठीक है,,, एक दमदार आवाज पूरे हॉल में गूंजती है।

सुबह के 10 बजे 

मालिक नाश्ता लग गया है,,,, चलिए हम आते हैं और हां सबसे कह दीजिए कि हमें सबसे कुछ जरूरी बात करनी है तो सभी लोग खाने की टेबल पर मौजूद रहें

जी मालिक,

डाइनिंग टेबल पर,

पिता जी,,,, श्यामू काका बता रहे थे, "आपको कोई जरूरी बात करनी है?"

"हां,,,, आप लोगों से हमको एक बहुत ही जरूरी बात करनी है, जैसा कि आप सब जानते हैं कि मैं अब जिम्मेदारियां सम्हालते सम्हालते थक गया हूं तो मैने एक फैसला लिया है कि अब ठाकुर इन्टरप्राइजेज की जिम्मेदारी मैं अब अपने कन्धों से हटाना चाहता हूं..."

अब चूंकि संजय के तीन बेटे ( पहला अनिकेत जिसके बारे में हम आपको बता चुके हैं और जो बचा है वो आप धीरे धीरे जान जाएंगे,दूसरा बेटा समीर उम्र 20 साल  तीसरा बेटा शिवम् उम्र 16 साल ) हैं और सूरज प्रताप सिंह,,अखण्ड प्रताप सिंह का छोटे बेटे की दो बेटियां,, बड़ी बेटी मानसी उम्र 20 साल, दूसरी बेटी मिली उम्र 15 साल हैं तो,

"इसीलिए मैं चाहता हूं कि जब तक बच्चे बड़े नहीं हो जाते तब तक मैं ये सारी जिम्मेदारी संजय और सूरज को देता हूं,,,,,, बातों को बहुत ध्यान से अनिकेत सुन रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि कहीं उसे उसके दादा जी कोई जिम्मेदारी ना दे दे लेकिन जैसे दादा जी की बात खत्म हूई अनिकेत नें चैन की सांस ली ही थी।"

कि दादा जी ने फिर बोलना शुरू किया, "लेकिन मैंने एक और फैसला लिया है जैसा कि आज से पूरे तीन दिन बाद अनिकेत की शादी है और उसे भी कुछ जिम्मेदारी संभालनी चाहिए तो मैंने सोचा है कि अनिकेत जैसे अगले तीन महीने बाद 23 साल का होगा वैसे ही हम ठाकुर इन्टरप्राइजेज का सीईओ अनिकेत को बना देंगे।"

दादू की ये बात सुनकर सभी चौंक गए क्योंकि अभी अनिकेत का ग्रेजुएशन पूरी तरह कमपलीट नहीं हुआ था तो इतनी बड़ी जिम्मेदारी अनिकेत कैसे सम्हाल सकता था?

अपनी बात को पूरी कर जैसे ही अखण्ड प्रताप उठने को हुए वैसे ही उनके कानों में एक आवाज पड़ी, और वो आवाज़ अनिकेत की थी, " पर दादू ऐसा कैसे कर सकते हैं आप मेरे साथ मेरे अभी इक्जाम नहीं हुए हैं और तो और मैं अभी इस सब के लिए तैयार भी नहीं हूं और वैसे भी आप मेरी शादी तो अपनी मर्जी से करवा ही रहे हैं अब क्या मैं सभी फैसले आपके मानूंगा ?"

"तो मत मानिए और छोड़ दीजिए इस ऐश और आराम भरी जिंदगी और मान जाइये वो बात जिसको मानने से आपके लिए ,लिए गए तमाम फैसले बदल जायेंगे,"

"पर दादू ये ग़लत है आप मुझे बार बार इमोशनली फोर्स नहीं कर सकते आपके हर फैसले को मानने के लिए,"

"अच्छा तो आप ना कर दीजिए हम आपको फोर्स नहीं करेंगे,"

अनिकेत अब चुप हो गया था शायद उसकी कोई तो मजबूरी थी जो उसे चुप रहने पर मजबूर कर रही थी आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी जो उसे अपने दादू की सारी बातें माननी पड़ रही थी,

जैसे ही दादू वहां से उठकर चले गए वैसे ही अनिकेत के फोन पर एक फोन आया,,,, अनिकेत फोन रिसीव करते हुए, "हां यार विराज आ रहा हूं,"

इतना कहते ही अनिकेत गाड़ी की चाभी लेकर बाहर निकल जाता है,,,,,सावित्री जी अविरल की मां ने कहा, "ऐसी भी क्या बात है जो अनिकेत आजकल पापा की कोई भी बात नहीं टालता? पता नहीं मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।"

तभी अनिकेत की चाची कामना कुछ सोचते हुए, "अगर पापा ने कोई फैसला लिया है तो जरूर ही कुछ सोच समझकर लिया होगा,"

अनिकेत का कॉलेज

"देख यार अनिकेत अगर तेरे दादा जी चाह रहे हैं तो बन जा ना सीईओ कौन कोई तुझे खा जाएगा बल्कि तेरी शान तो और बढ़ जाएगी अभी जब लोग तुझसे आंखें मिलाकर बात नहीं करते तो सोच जब तू सीईओ बन जाएगा तब तो तेरी ऐश ही ऐश है।"

अनिकेत गुस्से में बोला, "तेरा दिमाग तो ठीक है मैं सीईओ बन जाऊं कोई खेल नहीं है सारी जिम्मेदारी संभालनी होगी मुझे और वैसे भी एक जिम्मेदारी तो आज से तीसरे दिन मेरे साथ बंधने ही वाली है तू क्या चाहता है इतनी कम उम्र में मैं इन जिम्मेदारियों के तले ही दबकर सांस भी ना ले पाऊं,"

अनिकेत कुछ सोचते हुए बोला, "पर मैं भी अपने द ग्रेट दादू का पोता हूं।" हल्का सा मुस्कुराते हुए

आखिर क्या चल रहा है अनिकेत के दिमाग में जानते हैं नेक्स्ट पार्ट में...